Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2024 · 1 min read

काश इतनी शिद्दत से कुछ और चाहा होता

काश इतनी शिद्दत से कुछ और चाहा होता
अगर पता होता खुदा तुम दे दोगे
©️_दामिनी नारायण सिंह

101 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

लोग रिश्ते या शादियों के लिए सेल्फ इंडिपेंडेसी और सेल्फ एक्च
लोग रिश्ते या शादियों के लिए सेल्फ इंडिपेंडेसी और सेल्फ एक्च
पूर्वार्थ
"आग से बचा लो"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी धड़कनों में
मेरी धड़कनों में
हिमांशु Kulshrestha
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
अजहर अली (An Explorer of Life)
ठंडा मौसम अब आ गया
ठंडा मौसम अब आ गया
Ram Krishan Rastogi
अगर कभी....
अगर कभी....
Chitra Bisht
3377⚘ *पूर्णिका* ⚘
3377⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
कठोर व कोमल
कठोर व कोमल
surenderpal vaidya
नेता राजनीति का चलेगा जब दाव तब
नेता राजनीति का चलेगा जब दाव तब
आकाश महेशपुरी
वयोवृद्ध कवि और उनका फेसबुक पर अबतक संभलता नाड़ा / मुसाफिर बैठा
वयोवृद्ध कवि और उनका फेसबुक पर अबतक संभलता नाड़ा / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
कुछ पूछना है तुमसे
कुछ पूछना है तुमसे
सोनू हंस
संघर्ष और निर्माण
संघर्ष और निर्माण
नेताम आर सी
आक्रोश प्रेम का
आक्रोश प्रेम का
भरत कुमार सोलंकी
*जिंदगी  जीने  का नाम है*
*जिंदगी जीने का नाम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गर तुम हो
गर तुम हो
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
सुमन प्रभात का खिला
सुमन प्रभात का खिला
कुमार अविनाश 'केसर'
The reflection of love
The reflection of love
Bidyadhar Mantry
करें नही अस्तित्व का,
करें नही अस्तित्व का,
RAMESH SHARMA
शीर्षक – #जीवनकेख़राबपन्ने
शीर्षक – #जीवनकेख़राबपन्ने
Sonam Puneet Dubey
🙏आप सभी को सपरिवार
🙏आप सभी को सपरिवार
Neelam Sharma
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ग़ज़ल (हुआ असर उनसे रू ब रू का)
ग़ज़ल (हुआ असर उनसे रू ब रू का)
डॉक्टर रागिनी
🙅सन-डे इज फ़न-डे🙅
🙅सन-डे इज फ़न-डे🙅
*प्रणय*
पलटूराम में भी राम है
पलटूराम में भी राम है
Sanjay ' शून्य'
अधूरी दास्तान
अधूरी दास्तान
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*रोना-धोना छोड़ कर, मुस्काओ हर रोज (कुंडलिया)*
*रोना-धोना छोड़ कर, मुस्काओ हर रोज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
क्या हुआ गर नहीं हुआ, पूरा कोई एक सपना
क्या हुआ गर नहीं हुआ, पूरा कोई एक सपना
gurudeenverma198
दोहा पंचक. . . विविध
दोहा पंचक. . . विविध
sushil sarna
करो नारी खुद पर विश्वास
करो नारी खुद पर विश्वास
लक्ष्मी सिंह
अभिव्यञ्जित तथ्य विशेष नहीं।।
अभिव्यञ्जित तथ्य विशेष नहीं।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Loading...