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24 Nov 2023 · 1 min read

काव्य

शब्द हो निराले,मनोभाव हो पावन,
स्वच्छ अंतर्मन से कविता निकलती है।
काव्य वह जो रस अनुभूति कराए,
कवि की कलम ही, प्रकृति बदलती है।
@साहित्य गौरव

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