काली स्तुति
द्वारे अबला छी हम ठार,
खोलु माँ हे ! बज्र किबाड़ ।
संकट में माँ, देव अराधल,
एलौं अष्ट भुजाधारि,
शुंभ-निशुंभ अहाँ मारलौं,
केलों मधुकैटभ संहार,
द्वारे अबला छी हम ठार,
खोलु माँ हे बज्र किबाड़ ।
रक्तबीज शोणित पीलौं,
भेलौं चामुंडा विख्यात ,
देव मनुज के अहाँ तारलौं,
बांचल हम ठार ,
द्वारे अबला छी हम ठार,
खोलु माँ हे! बज्र किबाड़ ।
जानै नै छी, मंत्र जप-तप,
बिन पुण्य लाचार,
द्वार खोलु हे माँ काली !
नैना सों ढारै छी धार,
द्वारे अबला छी हम ठार,
खोलु माँ हे बज्र किबाड़
कोनो डाॅ वैद्य नै छै,
करतै दुखक उपचार
बिनु अविलंब भवानी,
बिनु अविलंब हे काली !
करू “उमा” उद्धार,
द्वारे अबला छी हम ठार,
खोलु माँ हे ! बज्र किबाड़ ।
उमा झा