Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Oct 2024 · 1 min read

काला कौवा

कुण्डलिया
~~
दर्शन दुर्लभ हो रहे, सूनी है मुंडेर।
कौवे क्यों अब हर जगह, दिखते देर सवेर।
दिखते देर सवेर, घटी है संख्या इनकी।
संकट में अस्तित्व, विषय चिन्ता का सबकी।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, प्रदूषित भू का तन-मन।
लुप्त हुए हैं जीव, हो रहे दुर्लभ दर्शन।
~~
काला कौवा देखिए, खूब मचाता शोर।
श्राद्ध पक्ष में हो रहा, पूजन है हर ओर।
पूजन है हर ओर, भोग कौवे को लगता।
होते पितर प्रसन्न, भाव श्रद्धा का जगता।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, बहुत है किस्मत वाला।
पर संकट में आज, बहुत है कौवा काला।
~~
संकट ग्रस्त प्रजाति है, पक्षीकुल में काग।
लेकिन मानव सो रहा, नहीं रहा है जाग।
नहीं रहा है जाग, प्रदूषित हुई धरा है।
खान पान में खूब, रसायन जहर भरा है।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, मुसीबत बहुत है विकट।
जन जीवन पर आज, खूब मँडराया संकट।
~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 1 Comment · 53 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

*पछतावा*
*पछतावा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जस जालोर रो
जस जालोर रो
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
किसी भी बहाने से उसे बुलाया जाए,
किसी भी बहाने से उसे बुलाया जाए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"इस्राइल -गाज़ा युध्य
DrLakshman Jha Parimal
हम पर कष्ट भारी आ गए
हम पर कष्ट भारी आ गए
Shivkumar Bilagrami
घंटीमार हरिजन–हृदय हाकिम
घंटीमार हरिजन–हृदय हाकिम
Dr MusafiR BaithA
सूरज की संवेदना
सूरज की संवेदना
Dr B.R.Gupta
परिपक्वता
परिपक्वता
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
Arvind trivedi
खुद से प्यार करो लोगो का क्या है
खुद से प्यार करो लोगो का क्या है
पूर्वार्थ
"ककहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
चले हैं छोटे बच्चे
चले हैं छोटे बच्चे
डॉ. दीपक बवेजा
"सतगुरु देव जी से प्रार्थना"......💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
****बारिश की बूंदें****
****बारिश की बूंदें****
Kavita Chouhan
बादल  की  तरह आते हो ,
बादल की तरह आते हो ,
Neelofar Khan
*
*"ब्रम्हचारिणी माँ"*
Shashi kala vyas
दामन जिंदगी का थामे
दामन जिंदगी का थामे
Chitra Bisht
नि: शब्द
नि: शब्द
Sonam Puneet Dubey
अन्नदाता
अन्नदाता
Akash Yadav
बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं।
बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
रमणीय प्रेयसी
रमणीय प्रेयसी
Pratibha Pandey
एक लम्हा
एक लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
* चाय पानी *
* चाय पानी *
surenderpal vaidya
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
संकोची हर जीत का,
संकोची हर जीत का,
sushil sarna
■ आज का शेर...।।
■ आज का शेर...।।
*प्रणय*
श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम
श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम
Pankaj Bindas
एक घर मे दो लोग रहते है
एक घर मे दो लोग रहते है
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
बदलती फितरत
बदलती फितरत
Sûrëkhâ
Loading...