Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2019 · 3 min read

कालाहांडी, भूख और गरीबी !

ओडिशा: इस चुनावी समय में भी कुछ लोग अपनी जिंदगी कि जरूरी जरूरतों को लेकर आवाज़ बुलंद करने में पीछे नहीं हट रहे ,क्या कर सकते हैं, आश्वासन और जुमलों से जिंदगी तो नहीं चलती उसे चलाने के लिए रोजगार चाहिए और इसी रोजगार ने कालाहांडी में 2 को मौत, और कईयों को घायल कर अस्पताल तक पहुंचा दिया।
आप लोगों को कालाहांडी सुन कर कुछ याद आया क्या ? चलिए हम ही बताए देते हैं। ओडिशा में एक जिला है कालाहांडी जहां अस्सी के दशक में ऐसा सूखा परा था कि लोग एक-एक दाने को मोहताज हो गए थे। माओं ने अपने बच्चे तक को बेच दिए थे कुछ मुट्ठी अन्न और पैसे के लिए। बीतते सालों में इस्थिति पहले से सुधरी पर गरीबी वो कोढ़ है जो जल्दी कहाँ भरती है सदियां लग जाती है। उसी कालाहांडी की ये घटना है।
खबरों से पता चला कि कालाहांडी में वेदांता अल्मुनियम प्लांट के बाहर बड़ी संख्या में युवाओं कि भीड़ जमा थी। वो नौकरी और कम्पनी के स्कूल में अपने बच्चों का दाख़िला चाहते थे। इसी दरम्यान कुछ लोग खड़े हो कर नारे वाजी करने लगे ये देख कर OISF के जवानों ने उन्हें समझने की कोशिश की लेकिन तभी भीड़ में से किसी ने जवानों पर पत्थर फ़ेंक दिया जिसका नतीजा दो लाशों के रूप में सामने आया। पत्थर फेंकने पर जवानों ने भीड़ को चारो तरफ से घेर कर अंधाधुन लाठी चार्ज किया जिस के कारण बीस से ज्यादा लोग घायल होकर अस्पताल पहुंच गए और एक युवा कि अस्पताल में मैत हो गई। जिस से वहां के लोगों ने अपना आप खो दिया और अल्मुनियम प्लांट के कम्युनिटी सेंटर में घुस कर तोड़-फोड़ कि और उस के एक कमरे में OISF के जवान को बंद कर के आग लगा दी जवान को जिन्दा जला दिया गया। इस घटना के बारे में सुन कर अंदर तक हिल गई थी मैं इतनी भयानक दोनों मौत। ये कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि कानून को अपने हाँथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं चाहे वो कोई भी क्यों न हो। लेकिन सोचने वाली बात है, इतनी बड़ी घटना का किसी भी बड़े मिडिया तंत्र ने छुआ तक नहीं। कारण क्या है,आखिर युवाओं के गुस्से की वजह को क्यों छुपाया जा रहा है किस चीज पर पर्दा डालने कि कोशिश है ? जो दोनों मारे गए दोनों ही गरीब थे अपनी अपनी जगहों पर दोनों निर्दोष तो दोसी कौन ? किस से ये सवाल पूछा जाय। क्या उन लोगों से जिन्होंने कालाहांडी के लगभग आधा दर्जन गावों के तीन हज़ार एकड़ जमीन लेते समय गांव वालों से वादा की थी कि फैक्ट्री बनने के बाद गांव के नैजवानों को नौकरी और वहां के बच्चों को कम्पनी के स्कुल में मुफ़्त शिक्षा दी जाएगी। लेकिन समय पड़ने पर अपने वादे से मुकर गया ‘वेदांता अल्मुनियम प्लांट’ का मैनेजमेंट। कम्पनी के वादे पर खड़ा उतरने के लिए आदिवासी युवाओं ने डिप्लोमा और डिग्री ले लिए लेकिन नैकरी नहीं मिली। बाहरी लोगों की बहाली होती रही पर वो मुँह ताकते रह गए। गरीबी और भूख सबसे बड़ा अभिशाप है जिस भूख इंसान को अपनी जान की भी परवाह नहीं करने देती और दूसरों के भी। परिणाम कालाहांडी के इस घटना के रूप में सामने आता है।
…सिद्धार्थ …

Language: Hindi
Tag: लेख
4 Likes · 2 Comments · 694 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"जो इंसान कहलाने लायक नहीं,
पूर्वार्थ
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
प्रार्थना
प्रार्थना
Dr.Pratibha Prakash
मंद बुद्धि
मंद बुद्धि
Shashi Mahajan
हम
हम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
पढ़िये सेंधा नमक की हकीकत.......
पढ़िये सेंधा नमक की हकीकत.......
Rituraj shivem verma
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*पाए हर युग में गए, गैलीलियो महान (कुंडलिया)*
*पाए हर युग में गए, गैलीलियो महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पथ सहज नहीं रणधीर
पथ सहज नहीं रणधीर
Shravan singh
मुक्तक...
मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
वक्त रुकता नहीं कभी भी ठहरकर,
वक्त रुकता नहीं कभी भी ठहरकर,
manjula chauhan
इन्सान बन रहा महान
इन्सान बन रहा महान
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
साँझ ढली पंछी चले,
साँझ ढली पंछी चले,
sushil sarna
Stories whose plots are often untouched and mysteries are un
Stories whose plots are often untouched and mysteries are un
Chaahat
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
Swami Ganganiya
राम है आये!
राम है आये!
Bodhisatva kastooriya
*धार्मिक परीक्षा कोर्स*
*धार्मिक परीक्षा कोर्स*
Mukesh Kumar Rishi Verma
4001.💐 *पूर्णिका* 💐
4001.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तुम मेरी
तुम मेरी
Dr fauzia Naseem shad
"लिखना है"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई भी मजबूरी मुझे लक्ष्य से भटकाने में समर्थ नहीं है। अपने
कोई भी मजबूरी मुझे लक्ष्य से भटकाने में समर्थ नहीं है। अपने
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
क्या मालूम तुझे मेरे हिस्से में तेरा ही प्यार है,
क्या मालूम तुझे मेरे हिस्से में तेरा ही प्यार है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Below the earth
Below the earth
Shweta Soni
अगर आपकी निरंकुश व नाबालिग औलाद
अगर आपकी निरंकुश व नाबालिग औलाद "ड्रिंकिंग और ड्रायविंग" की
*प्रणय*
जीवन
जीवन
Santosh Shrivastava
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...