“कार्यकुशलता”
जिला में मतदाताओं के लिए “ईपिक”(मतदाता पहचान पत्र)बनाने का कार्य आरम्भ होना था।सतीश झा कार्य कुशल अधिकारी थे।उन्हें निर्वाचन प्रभारी बनाया गया।उनके निर्देशन में ईपिक का कार्य जोर शोर से आरम्भ हुआ।
लगभग अस्सी प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका था।अथक प्रयास के बावजूद तय समय में पूर्ण होने की संभावना बहुत कम थी क्योंकि
अनेक मतदाता की तस्वीर उपलब्ध नहीं हो पाई थी।
नियत समय में किस प्रकार कार्य पूर्ण हो,झा साहब बहुत परेशान थे।
अचानक उनके दिमाग में विचार कौंधा।
डाटा ऑपरेटरों के साथ गोपनीय बैठक की।
“चौबीस घंटे शेष है,जो भी मतदाताओं की तस्वीर उपलब्ध नहीं है,उस पर अधूरी जानकारी वाली निरस्त फार्म से तस्वीर निकाल कर चिपका दें।”
निर्देश मिलते ही तेजी से आदेश का पालन किया गया।आनन-फानन में नाम किसी का,तस्वीर किसी और का चिपका दिया गया।महिला के नाम पर पुरूष की तस्वीर,पुरुष के नाम पर महिला की तस्वीर चिपका दी गई।जैसे तैसे कार्य निपटाया गया।
झा साहब को शत प्रतिशत सफलतापूर्वक कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया।