“कारवाँ”
“कारवाँ”
=====
हम सफर
मेरे साथ चल
हर कदम मेरे साथ तू
नयी जिंदगी के सुर बदल !
नया गीत
ओठों पर सजा ले
धुन कोई
अपना बना ले
सहारा मेरा भी रहेगा
हर क्षण तुम मुस्कुरा ले
साथी तो तेरे साथ हैं
और भी अपना
साथी तू बना ले
हम अकेले
आज हैं
पर कल सबेरा आएगा
हर सुबह हर पल
एक कारवाँ बनता जाएगा !!
====================
डॉ लक्ष्मण झा परिमल