Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2019 · 1 min read

कायनात

आंखें झिलमिला कर देखूं आती है नजर ।बातें फुसफुसा कर बोलूं सुनती है मगर।।

आती है दिखाने मुझको जलवे हजार ।रूठती , मनाती मुझको लगाके आंसू का बाजार ।।

कितनी भोली सी हंसी ।
कितनी प्यारी सादगी।
दिल कहता रख लूं दिल के पास।।

मेरी चांद की कटोरी “कायनात”
कायनात……

मेरी चांद की कटोरी कायनात।।

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 495 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे इश्क से नहीं,झूठ से नफरत है।
मुझे इश्क से नहीं,झूठ से नफरत है।
लक्ष्मी सिंह
या रब
या रब
Shekhar Chandra Mitra
मंजिल छूते कदम
मंजिल छूते कदम
Arti Bhadauria
* शक्ति है सत्य में *
* शक्ति है सत्य में *
surenderpal vaidya
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
सत्य कुमार प्रेमी
मन तो बावरा है
मन तो बावरा है
हिमांशु Kulshrestha
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह "reading between the lines" लिखा है
SHAILESH MOHAN
We make Challenges easy and
We make Challenges easy and
Bhupendra Rawat
एक व्यथा
एक व्यथा
Shweta Soni
एक पूरी सभ्यता बनाई है
एक पूरी सभ्यता बनाई है
Kunal Prashant
ग़ज़ल
ग़ज़ल
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
" तार हूं मैं "
Dr Meenu Poonia
"अहम का वहम"
Dr. Kishan tandon kranti
"वक्त वक्त की बात"
Pushpraj Anant
क्या मथुरा क्या काशी जब मन में हो उदासी ?
क्या मथुरा क्या काशी जब मन में हो उदासी ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
माँ सच्ची संवेदना...
माँ सच्ची संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
शक्ति की देवी दुर्गे माँ
शक्ति की देवी दुर्गे माँ
Satish Srijan
" मैं कांटा हूँ, तूं है गुलाब सा "
Aarti sirsat
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
पूर्वार्थ
खुली आंखें जब भी,
खुली आंखें जब भी,
Lokesh Singh
Jindagi ka kya bharosa,
Jindagi ka kya bharosa,
Sakshi Tripathi
वक़्त गुज़रे तो
वक़्त गुज़रे तो
Dr fauzia Naseem shad
एक फूल
एक फूल
Anil "Aadarsh"
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
2934.*पूर्णिका*
2934.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेटी के जीवन की विडंबना
बेटी के जीवन की विडंबना
Rajni kapoor
💐प्रेम कौतुक-477💐
💐प्रेम कौतुक-477💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सावन मे नारी।
सावन मे नारी।
Acharya Rama Nand Mandal
उम्र के इस पडाव
उम्र के इस पडाव
Bodhisatva kastooriya
Loading...