काम और भी है, जिंदगी में बहुत
शीर्षक – काम है और भी, जिंदगी में बहुत
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काम है और भी, जिंदगी में बहुत।
पूरा करना जरूरी है जिनको भी मुझे।।
जिंदगी जिनसे भी तो होगी आबाद मेरी।
रखना है सबका ही तो ख्याल भी मुझे।।
काम है और भी————————।।
माना कि तुमको चाहिए, प्यार मेरा।
और निभाना है मुझको साथ तेरा।।
लेकिन उनको भी है इंतजार मेरा।
उनसे भी तो मिलने जाना है मुझे।।
काम है और भी————————।।
जिनका है मुझपे कर्ज, वह चुकाना भी है।
खुश उनको भी तो, मुझको रखना भी है।।
दिया है जिन्होंने , जन्म मुझको कल।
सेवा उनकी भी तो, करनी है मुझे।।
काम है और भी————————।।
बिना मेहनत किये, पेट कैसे भरें।
बिना जल के चमन, हरा कैसे करें।।
महल का ख्वाब अगर, करना है पूरा।
बहुत पसीना इसके लिए, बहाना होगा मुझे।।
काम है और भी————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)