Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

काबिल बने जो गाँव में

काबिल बने जो गाँव में
वो शहर के हो गए हैं
सच ही कहा है किसी ने
वो भीड़ में खो गए हैं

3 Likes · 106 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

नज़रिये की बाते
नज़रिये की बाते
उमेश बैरवा
जब तुम हो
जब तुम हो
Rambali Mishra
मैंने दुनिया की एक ही खूबसूरती देखी है,
मैंने दुनिया की एक ही खूबसूरती देखी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Anand mantra
Anand mantra
Rj Anand Prajapati
सामाजिक बेचैनी का नाम है--'तेवरी' + अरुण लहरी
सामाजिक बेचैनी का नाम है--'तेवरी' + अरुण लहरी
कवि रमेशराज
बड़े नहीं फिर भी बड़े हैं ।
बड़े नहीं फिर भी बड़े हैं ।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मार्गदर्शन
मार्गदर्शन
Harminder Kaur
हम चुप रहे कभी किसी को कुछ नहीं कहा
हम चुप रहे कभी किसी को कुछ नहीं कहा
Dr Archana Gupta
புறப்பாடு
புறப்பாடு
Shyam Sundar Subramanian
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अंजाम...
अंजाम...
TAMANNA BILASPURI
Love's Burden
Love's Burden
Vedha Singh
सियाचिनी सैनिक
सियाचिनी सैनिक
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
🙅समस्या का मूल🙅
🙅समस्या का मूल🙅
*प्रणय*
धड़कन की तरह
धड़कन की तरह
Surinder blackpen
यूँ ही आना जाना है,
यूँ ही आना जाना है,
पंकज परिंदा
आप कभी 15% मनुवादी सोच को समझ ही नहीं पाए
आप कभी 15% मनुवादी सोच को समझ ही नहीं पाए
शेखर सिंह
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ख़्याल आते ही क़लम ले लो , लिखो तुम ज़िंदगी ,
ख़्याल आते ही क़लम ले लो , लिखो तुम ज़िंदगी ,
Neelofar Khan
एहसास
एहसास
Ashwani Kumar Jaiswal
*मुख काला हो गया समूचा, मरण-पाश से लड़ने में (हिंदी गजल)*
*मुख काला हो गया समूचा, मरण-पाश से लड़ने में (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ईश्वर
ईश्वर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
संतानों का दोष नहीं है
संतानों का दोष नहीं है
Suryakant Dwivedi
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत
Abhishek Soni
काल्पनिक राम का दर्शन
काल्पनिक राम का दर्शन
Sudhir srivastava
श्राद्ध पक्ष के दोहे
श्राद्ध पक्ष के दोहे
sushil sarna
2649.पूर्णिका
2649.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
नेताम आर सी
ख़ामोश
ख़ामोश
अंकित आजाद गुप्ता
यूं ही कुछ लिख दिया था।
यूं ही कुछ लिख दिया था।
Taj Mohammad
Loading...