काफी लोगो ने मेरे पढ़ने की तेहरिन को लेकर सवाल पूंछा
काफी लोगो ने मेरे पढ़ने की तेहरिन को लेकर सवाल पूंछा
मैने अपने तरीके से जवाब दिया
“हम तो मुसाफिर जैसे पढ़ते है जब जिसका मिला उसका पढ़ लिया
हमको पढ़ना का आनंद आता है कभी ओशो पक्ष लिया कभी कबीर कभी गुलजार पढ़ लिया कभी गालिब कभी ऑनलाइन पढ़ लिया कभी अखबार से
हम तो मुसाफिर की तरह जीते है जिंदगी को बसर करते है मंजिल की उम्मीद नहीं पर सफर को जीने का पूरा मजा लेते है । कुछ लोग होते है मजिल की फिराक में जिंदगी काट रहे है हम है सफर की फिकर में जिंदगी जी रहे है”