“काफ़ी अकेला हूं” से “अकेले ही काफ़ी हूं” तक का सफ़र
“काफ़ी अकेला हूं” से “अकेले ही काफ़ी हूं” तक का सफ़र
व्यक्ति को बुरी तरह तोड़ कर,पूरी तरह मजबूत बना देता है।
-ओश