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16 May 2024 · 1 min read

कान्हा

अब तो आओ बनवारी तरस गए ये नैन
मिलने को तुमसे बीते दिन रैन

बनके राधा मैं तेरे रंग रंगजाउ
या बनके मीरा मैं तेरे गुड़ गाऊ
बन यशोदा मैं तुझे झूला झुलाऊ
या बन गोपिया तुझसे रास रचाऊ

आजा कन्हैया अब कब तक तरसाओगे
कब तोड़ोगे मटकी कब माखन चुराओगे
सूनी पड़ी है बंसी कब आके बजाओगे
न जाने कब तुम गोपियों संग रास रचाओगे

देखने को तुमको पूरे ब्रज को न अब चैन
मिलने को तुमसे बीते दिन रैन

1 Like · 28 Views
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