#कानून की ममी
✍
★ #कानून की ममी ★
पीर हिरदे की आँखों में जमी-सी है
आज मौसम में कुछ नमी-सी है
पीर हिरदे की . . . . .
आस धुल गई नया दिन निकलने की
सच की सांस कुछ थमी-सी है
पीर हिरदे की . . . . .
रोड़े हंसते रिस रहे पाँव के छाले
राह चुनने में हुई कमी-सी है
पीर हिरदे की . . . . .
सुधिजनों ने सुधि खोई यों सुभीते से
समय के गाल की रंगत तमतमी-सी है
पीर हिरदे की . . . . .
थर्रा रही शिखा मंदिर के दीपक की
सरकार आज कानून की ममी-सी है
पीर हिरदे की . . . . .
रथी रथवान तेरा गान एक हो जाएं
युगधार हे कृष्ण सहमी-सहमी-सी है
पीर हिरदे की . . . . . !
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२