कानून अंधा है
कानून अंधा है
कानून अंधा तो पहले से ही था
जन साधारण के लिए
कानून अंधा और बहरा दोनों है
कम पैसा वालों के खातिर
और अब कानून अंधा
बहरा और संवेदनहीन
भी हो गया है समाज के
लिए।
दो बच्चों की जान का क़ीमत
निबंध लिखकर
मांगता है
छी धिक्कार है।