कात्यायनी मां
जय कात्यायिनी माता, जय अम्बे जगदम्बे।
सकल सृष्टि की पालनहारी, तुम ही हो जग की अंभे॥
तुमसे ही हर जीवन चलता, तुमसे ही सबका उद्धार।
तुमसे मिलती शक्ति अपरंपार, तुम हो भवसागर पार॥
लाल वस्त्र से शोभित होती, सिंहवाहिनी वीर वरदानी।
दुष्ट दमन कर, भक्तों का पालन करती माँ कात्यायिनी महानि॥
नव दुर्गाओं में तुम हो छठी, महाशक्ति स्वरूपा।
हर संकट का नाश करने वाली, तुम हो भवानी अनूपा॥
शरण में जो आए तेरे, उसे नहीं कोई डर सताए।
तेरी कृपा से दुख मिट जाए, मां कात्यायिनी सब सुख पाए॥
जय कात्यायिनी माता, जय अम्बे जगदम्बे।
सकल सृष्टि की पालनहारी, तुम ही हो जग की अंभे॥