*** कागज की नाव ***
कभी कागज की नाव भी डूब जाया करती थी
आज पत्थर के दिल भी तैरा करते हैं पानी में।।
मधुप बैरागी
हमें दवाओ की नहीं
आपकी दुआओं की जरूरत है
जिसमे
कोई चाहकर भी
ज़हर नहीं घोल सकता है ।।
मधुप बैरागी
कभी कागज की नाव भी डूब जाया करती थी
आज पत्थर के दिल भी तैरा करते हैं पानी में।।
मधुप बैरागी
हमें दवाओ की नहीं
आपकी दुआओं की जरूरत है
जिसमे
कोई चाहकर भी
ज़हर नहीं घोल सकता है ।।
मधुप बैरागी