Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2024 · 1 min read

क़ैद में रो रहा उजाला है…

उनके चेहरे पे तिल जो काला है,
उसने कितनों को मार डाला है।

चांद बेदाग इक हसीं देखा,
दुनिया भर से ही वो निराला है।

जिंदगी जिस पे वार दी मैंने,
उसने छीना मेरा निवाला है।

रूबरू झूठ जब हुआ सच से,
पड़ गया क्यों ज़ुबां पे ताला है।

मुझ पे आकर वही गिरा देखो,
मैंने पत्थर भी जो उछाला है।

जानते हैं सभी जहां वाले,
दर्द को कैसे मैंने पाला है।

मेरी दुनिया उजाड़ दी उसने,
ज़िन्दगी भर जिसे संभाला है।

धूल पैरों से माँ की ले लेना,
वो ही गिरज़ा वही शिवाला है।

तीरगी जीत ही गई आख़िर,
क़ैद में रो रहा उजाला है।

पंकज शर्मा “परिंदा”

Language: Hindi
39 Views

You may also like these posts

मैंने क़ीमत
मैंने क़ीमत
Dr fauzia Naseem shad
*गुरु (बाल कविता)*
*गुरु (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"मुश्किलों के प्रभाव में जी रहे हैं ll
पूर्वार्थ
जीवन (एक पथ)
जीवन (एक पथ)
Vivek saswat Shukla
सौवां पाप
सौवां पाप
Sudhir srivastava
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ओ मां के जाये वीर मेरे...
ओ मां के जाये वीर मेरे...
Sunil Suman
ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है।
ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है।
Manisha Manjari
शीर्षक:-आप ही बदल गए।
शीर्षक:-आप ही बदल गए।
Pratibha Pandey
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
*तंजीम*
*तंजीम*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आत्मविश्वास
आत्मविश्वास
नूरफातिमा खातून नूरी
भारत भविष्य
भारत भविष्य
उमा झा
यादों की है कसक निराली
यादों की है कसक निराली
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
*सावन में अब की बार
*सावन में अब की बार
Poonam Matia
4914.*पूर्णिका*
4914.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
याद - दीपक नीलपदम्
याद - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Is it actually necessary to poke fingers in my eyes,
Is it actually necessary to poke fingers in my eyes,
Chaahat
नववर्ष 2024 की अशेष हार्दिक शुभकामनाएँ(Happy New year 2024)
नववर्ष 2024 की अशेष हार्दिक शुभकामनाएँ(Happy New year 2024)
आर.एस. 'प्रीतम'
कोई और नहीं
कोई और नहीं
Anant Yadav
माँ स्कंदमाता की कृपा,
माँ स्कंदमाता की कृपा,
Neelam Sharma
पसंद प्यार
पसंद प्यार
Otteri Selvakumar
It always seems impossible until It's done
It always seems impossible until It's done
Naresh Kumar Jangir
पहचान
पहचान
Shweta Soni
188bet
188bet
188bet
नियति
नियति
Shyam Sundar Subramanian
दूसरों के हितों को मारकर, कुछ अच्छा बनने  में कामयाब जरूर हो
दूसरों के हितों को मारकर, कुछ अच्छा बनने में कामयाब जरूर हो
Umender kumar
दोहा पंचक. . . . मतभेद
दोहा पंचक. . . . मतभेद
sushil sarna
अ
*प्रणय*
"मीठी यादें"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...