Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Apr 2024 · 1 min read

क़त्आ

क़त्आ

1 Like · 95 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उम्र का एक
उम्र का एक
Santosh Shrivastava
""बहुत दिनों से दूर थे तुमसे _
Rajesh vyas
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
" तगादा "
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे बिखरने मत देना
मुझे बिखरने मत देना
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
चुनाव 2024
चुनाव 2024
Bodhisatva kastooriya
Waiting for vibes and auras to match with the destined one.
Waiting for vibes and auras to match with the destined one.
Chaahat
क्या यह कलयुग का आगाज है?
क्या यह कलयुग का आगाज है?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
पड़ोसन के वास्ते
पड़ोसन के वास्ते
VINOD CHAUHAN
🙅अचरज काहे का...?
🙅अचरज काहे का...?
*प्रणय*
मुक्तक...छंद पद्मावती
मुक्तक...छंद पद्मावती
डॉ.सीमा अग्रवाल
2971.*पूर्णिका*
2971.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमारे तुम्हारे चाहत में, बस यही फर्क है।
हमारे तुम्हारे चाहत में, बस यही फर्क है।
Anand Kumar
बुंदेली दोहा - सुड़ी
बुंदेली दोहा - सुड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बाघ संरक्षण
बाघ संरक्षण
Neeraj Agarwal
गाना..... पन्ना की तमन्ना है कि हीरा मुझे मिल जाए...........
गाना..... पन्ना की तमन्ना है कि हीरा मुझे मिल जाए...........
Sonam Puneet Dubey
ख़ुद की नज़रों में
ख़ुद की नज़रों में
Dr fauzia Naseem shad
नींद
नींद
Diwakar Mahto
किसान
किसान
Dp Gangwar
" दिल की समझ "
Yogendra Chaturwedi
चाचा नेहरू
चाचा नेहरू
नूरफातिमा खातून नूरी
जिंदगी है बहुत अनमोल
जिंदगी है बहुत अनमोल
gurudeenverma198
*Near Not Afar*
*Near Not Afar*
Poonam Matia
✍🏻Happy teachers day✍🏻
✍🏻Happy teachers day✍🏻
Neeraj kumar Soni
#हर_घर_तिरंगा @हर_घर_तिरंगा @अरविंद_भारद्वाज
#हर_घर_तिरंगा @हर_घर_तिरंगा @अरविंद_भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
चूहा भी इसलिए मरता है
चूहा भी इसलिए मरता है
शेखर सिंह
रसों में रस बनारस है !
रसों में रस बनारस है !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
हिंदी साहित्य की नई विधा : सजल
हिंदी साहित्य की नई विधा : सजल
Sushila joshi
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हम दोनों  यूं  धूप  में  निकले ही थे,
हम दोनों यूं धूप में निकले ही थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...