“क़तरा”
“क़तरा”
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लहू का क़तरा क़तरा मातृभूमि को अर्पित कर दूॅंगा।
मगर अपने देश पे तनिक ऑंच न कभी आने दूॅंगा।
हम सब भारत माता के सच्चे वीर सिपाही जो ठहरे,
अंतिम साॅंस तक तिरंगे की शान बचा कर रखूॅंगा।
( स्वरचित एवं मौलिक )
© अजित कुमार “कर्ण” ✍️
~ किशनगंज ( बिहार )
दिनांक :- 10 / 05 / 2022.
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