Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2024 · 1 min read

कह रहा है वक़्त,तुम वफादार रहो

कह रहा है वक़्त, तुम वफादार रहो।
मुसीबत में है वतन, तुम खबरदार रहो।।
करें नहीं कोई , तुमको आपस में जुदा।
ऐसे में तुम आपस में, बनकर यार रहो।।
कह रहा है वक़्त ———————–।।

लड़ा रहे हैं कुछ लोग, यहाँ यह कहकर।
हिन्दू- मुस्लिम, ईश्वर- खुदा में भेद बताकर।।
मरवा रहे हैं लोगों को, जो जाति धर्म के नाम पर।
ऐसे लोगों से हमेशा तुम, यारों दूर रहो।।
कह रहा है वक़्त————————–।।

बड़े जतन से यह मुल्क, आबाद हुआ है।
वीरों का लहू से यह देश, आज़ाद हुआ है।।
अब फर्ज है अपना, इसकी हम हिफाजत करें।
यह जिंदगी है तुम्हारी, इससे वफ़ा तुम रहो।।
कह रहा है वक़्त—————————।।

ये फूल इस चमन के, सदा गुलजार रहें।
ये चिराग इस फिजां में, सदा रोशन रहें।।
अपने मतलब के लिए तो, जीते हैं यहाँ सभी।
मगर तुम अपने वतन के लिए भी, जीते रहो।।
कह रहा है वक़्त—————————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
The best time to learn.
The best time to learn.
पूर्वार्थ
नव वर्ष
नव वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वैसे कार्यों को करने से हमेशा परहेज करें जैसा कार्य आप चाहते
वैसे कार्यों को करने से हमेशा परहेज करें जैसा कार्य आप चाहते
Paras Nath Jha
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मां
मां
Slok maurya "umang"
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
डॉ० रोहित कौशिक
नहीं घुटता दम अब सिगरेटों के धुएं में,
नहीं घुटता दम अब सिगरेटों के धुएं में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
"ऐ जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
आप कभी 15% मनुवादी सोच को समझ ही नहीं पाए
आप कभी 15% मनुवादी सोच को समझ ही नहीं पाए
शेखर सिंह
तुम्हारे लौट जाने के बाद
तुम्हारे लौट जाने के बाद
Saraswati Bajpai
वैसे तो होगा नहीं ऐसा कभी
वैसे तो होगा नहीं ऐसा कभी
gurudeenverma198
वक्त लगता है
वक्त लगता है
Vandna Thakur
तीर लफ़्ज़ों के
तीर लफ़्ज़ों के
Dr fauzia Naseem shad
*ऐसा युग भी आएगा*
*ऐसा युग भी आएगा*
Harminder Kaur
"मेरा प्यार "
DrLakshman Jha Parimal
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
संजय कुमार संजू
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अश्रु से भरी आंँखें
अश्रु से भरी आंँखें
डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि'
टन टन बजेगी घंटी
टन टन बजेगी घंटी
SHAMA PARVEEN
मौन संवाद
मौन संवाद
Ramswaroop Dinkar
*गीता के दर्शन में पुनर्जन्म की अवधारणा*
*गीता के दर्शन में पुनर्जन्म की अवधारणा*
Ravi Prakash
इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे।
इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे।
Manisha Manjari
..
..
*प्रणय प्रभात*
आज अंधेरे से दोस्ती कर ली मेंने,
आज अंधेरे से दोस्ती कर ली मेंने,
Sunil Maheshwari
3326.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3326.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
2 जून की रोटी.......एक महत्व
2 जून की रोटी.......एक महत्व
Neeraj Agarwal
महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️
महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सब को जीनी पड़ेगी ये जिन्दगी
सब को जीनी पड़ेगी ये जिन्दगी
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
Loading...