कह मुक़री
1
ये है तो, जीवन मे रँग हैं
कदम सधे चलते सँग सँग हैं
इसके बिन तो दिन भी रैना
क्या सखि साजन, ना सखि नैना
2
इसके बिना नहीं कुछ भाये
नैनों से ये नैन मिलाये
देख देख कर नहीं भरे मन
क्या सखि साजन , ना सखि दर्पन
3
जीवन का आधार भी यही
सब खुशियों का सार भी यही
नामुमकिन इसके बिन रह पाना
क्या सखि साजन , ना सखि खाना
4
मनचाही शौपिंग करवाता
और मान भी हमें दिलाता
रखता बिल्कुल रानी जैसा
क्या सखि साजन , ना सखि पैसा
5
कैसी भी हो जीवन धारा
साथ निभाता सदा हमारा
हर मौसम में रखता नाता
क्या सखि साजन, ना सखि छाता
6
लगता है प्राणों से प्यारा
सच्चा इससे प्यार हमारा
भाता इसको अपना कहना
क्या सखि साजन, ना सखि गहना
7
इनसे ही तो घर बनता है
ये चूल्हा चौका चलता है
होती भी आपस में अनबन
क्या सखि साजन, ना सखि बर्तन
8
आँखों में मेरी रहता है
मुझसे अठखेली करता है
कैसा भी हो पर है अपना
क्या सखि साजन, ना सखि सपना
9
दिल की हर धड़कन में बसता
होठों पर भी मेरे सजता
मेरा सबसे सच्चा मीत
ऐ सखि साजन, ना सखि गीत
10
कभी कभी ये अगन बढ़ाता
कभी बरसकर हमें लुभाता
मूड बदलते रहते हरदम
ऐ सखि साजन, ना सखि मौसम
03-04-2016
डॉ अर्चना गुप्ता
11
बार बार ये आँचल खींचे
पीछे डोले आँखें मींचे
जीवन इससे ही आबाद
का सखि साजन, नाऔलाद
12
साथ हमारे ही ये रहता
इधर मटकता उधर मटकता
हमें बिठाकर रखता सर पर
का सखि साजन, ना स्कूटर
13
रोज रोज सपनों में आये
देख इसे मन खुश हो जाये
ये है मेरा पहला प्यार
क्या सखि साजन, ना सखि कार
28-11-2020
डॉ अर्चना गुप्ता