कहे दिवाली
कहे दिवाली
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सबसे पहले तिमिर ढ़हाओ,
रोशन मन को कर लो ।
कहे दिवाली, सारे मिलकर,
पावन मन को कर लो ।
आडम्बर से क्या मिलना है,
सच से आँख मिलाओ,
चमक रहा है सूरज खुद ही,
दीपक मत दिखलाओ ।
दीन हीन की सुनो व्यथा को,
दुखड़े उनके हर लो ।
कहे दिवाली, सारे मिलकर…….
आतिशबाजी एक नशा है,
दौलत का यह शुरूर,
उत्सव होगा सही असल में,
सब फोड़ें यदि गुरूर ।
उत्सव के दिन प्रेम भाव सब,
गहरे मन में भर लो ।
कहे दिवाली, सारे मिलकर…….
अगर राम के आप उपासक,
अन्दर जोत जलाओ,
अनुयायी बन सद्कर्म के,
घर घर दीप जलाओ ।
बुरे काम का बुरा अंत है,
बुरे काम से डर लो ।
कहे दिवाली, सारे मिलकर……/श्रीभगवान बव्वा