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8 Nov 2023 · 1 min read

कहीं भूल मुझसे न हो जो गई है।

कहीं भूल मुझसे न हो जो गई है।
यहां रूठकर क्यों अभी वो गई है।
करूं कोशिशें है मनाना उसे फिर।
मगर आज किस्मत कहूं रो गई है।
~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०८/११/२०२३

2 Likes · 1 Comment · 245 Views
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