कहीं भी
कहीं भी
दुनिया के
किसी हिस्से में
अगर… वह..
झूल जाती है पंखे से
जल जाती है आग में
पी लेती है ज़हर
तो कहीं भी
दुनिया के किसी हिस्से में
हर एक को
आनी चाहिए शर्म
झुकनी चाहिए गर्दन
और पूछना चाहिए
यह प्रश्न
अपने आप से
वह कौन सी विवशता थी
जो उसकी जिजीविषा पर
भारी पड़ गई
वह आखिर
क्यों मर गई…… ✍️