कहीं दूर चले आए हैं घर से
कहीं दूर चले आए हैं घर से
कहीं दूर चले आए हैं घर से
की यह से घर पहुंचने में वक्त बहुत लगता है।
जहाँ चले आए हैं वहाँ वक्त कहाँ बचता है
हर पल एक नया काम, हर पल एक नई कहानी
हर पल एक नई मुलाकात, हर पल एक नया आश्चर्य
यहाँ वक्त के लिए कोई जगह नहीं है
यहाँ वक्त की कोई कीमत नहीं है
यहाँ वक्त बस बीतता रहता है
यहाँ वक्त बस बहता रहता है
कभी-कभी सोचता हूँ कि मैं कहाँ आ गया हूँ
कभी-कभी सोचता हूँ कि मैं कहाँ जा रहा हूँ
पर अब कुछ भी नहीं सोचता हूँ
अब बस जीता हूँ, यहाँ और अभी