कहां हम भूले
भूल कर भी तुम्हें कहां हम भूले
वो खवत वो रबत कहां हम भूले
तेरे पेशानी को चूमती थी जो अल्क
ख़्वाब में भी उसे सुला के कहां हम भूले
चश्म के चष्क से जो पिलाया था शबाब
होके जमाना ए खराब भी कहां हम भूले
~सिद्धार्थ
भूल कर भी तुम्हें कहां हम भूले
वो खवत वो रबत कहां हम भूले
तेरे पेशानी को चूमती थी जो अल्क
ख़्वाब में भी उसे सुला के कहां हम भूले
चश्म के चष्क से जो पिलाया था शबाब
होके जमाना ए खराब भी कहां हम भूले
~सिद्धार्थ