कहाँ चाँद में वो बात
कहाँ चांद मे वो बात जो तुम्हें निहार सके
नही बना वो दिल ही जो तुम्हें पुकार सके
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सितारे भी है सहमे सहमे से हैं सजदे में
भेजा है खुदा ने हमे दिल में तुम्हे उतार सके
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कपिल कुमार
08/08/2016