कहमुकरी
कहमुकरी-
जब वह आए खूब सताए।
अंग-अंग में दर्द जगाए।
उसके आगे मैं सब हारी।
क्या सखि साजन? नहिं बीमारी।।1
स्वाद,गंध,रस रास न आए।
लेटा रहता मुँह लटकाए।
साथ रहूँ पर लगे वियोगी।
क्या सखि साजन?नहिं सखि रोगी।।2
करके कैद लगाया पहरा।
व्रण देता है दिल पर गहरा।
वह आक्रांता नहीं सलोना।
क्या सखि साजन? नहीं कोरोना।।3
कैसे उसको दूर भगाऊँ।
भाँति-भाँति के यत्न लगाऊँ।
कठिन साथ में उसका होना।
क्या सखि साजन? नहीं कोरोना।।4
डाॅ बिपिन पाण्डेय