कहमुकरी
चाय साथ में उसके पीना।
उसकी बातें सुनकर जीना।
वह है जीवन का श्रृंगार।
क्या सखी साजन? नहिं अखबार।।1
रूप-रंग है उसका न्यारा।
वह लगता है मुझको प्यारा।
दिखता जैसे पर सुरखाब।
क्या सखि साजन? नहीं गुलाब।।2
दूर करे गम की परछाई।
बनकर आए कभी दवाई।
नशा बड़ा उसका मतवाला।
क्या सखि साजन?नहिं सखि हाला।।3
काया उसकी भरकम भारी।
रखे सुरक्षित चीज़ें सारी।
जाऊँ उस पर मैं बलिहारी।
क्या सखि साजन? नहिं अलमारी।।4
डाॅ बिपिन पाण्डेय