कहते हैं लोग भूल जाया कर वो बातें जो मन मे चुभन जगाती हैं…
कहते हैं लोग भूल जाया कर वो बातें जो मन मे चुभन जगाती हैं….
पर कैसे भूल जाऊं वो बात जो मुझे परायेपन का एहसास कराती हैं..
कैसे भूल जाऊं उसे जो हर पल मेरे आत्मसम्मान को अंदर तक ठेस पहुंचाती हैं…..
जो मुझे मेरी ही दुर्बलता का परिचय करा जाती है…..
ओर….ओर …. भला मैं क्यों भूल जाऊं हर वो बात…..
क्योंकि यही बाते तो चिंगारी बनकर मुझमें आत्मनिर्भर होने का साहस जगाती है…
ओर मुझे अपने खोये हुए अस्तित्व को वापस पाने का आत्मविश्वास जगाती है….
आत्मविश्वास जगाती है ।