कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
और कहते भी हैं वो जिन्हें खुद का पता नहीं है।
आंखों में ख्वाहिश रखते है जिसकी वो,
गुज़रता है जब भी वो उनके दिल से,
तो हया में उनका दो लफ्ज़ भी प्यार में,
उनके मुंह से बुलन्दी से निकलता नहीं है।
आजमाइश भी करती हैं जिन्दगी भी उसकी ही,
वरना ये मौका सबको इतनी जल्दी मिलता नहीं है।
ख्वाबों की जबानी कहते थे कि,
जिंदगी बड़ी हसीन है जनाब।
लेकिन जब भी नींद से जागे तो समझे यही,
की सुनहरा सपना ज्यादा देर टिकता नहीं है।