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12 Feb 2024 · 1 min read

कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है

कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है और अपनी आगोश में समा लेती है।
डॉ तबस्सुम जहां
कहानी अंश- “मौत बे आवाज़ आती है”

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