Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2024 · 1 min read

* कष्ट में *

** मुक्तक **
~~
कष्ट में कोई दिखे लेकिन कदम थम ही न पाएं।
मात्र अपने स्वार्थ हित जो जिन्दगी को नित बिताएं।
इस धरा पर बोझ बनकर जी रहे हैं लोग ऐसे।
व्यर्थ है जीवन अगर छलकें नहीं संवेदनाएं।
~~
देख मजबूरी गरीबों को नहीं लूटें कभी भी।
कर्म हों ऐसे किसी का मन नहीं टूटे कभी भी।
मात्र जीवों के लिए मन में जगे संवेदनाएं।
मुश्किलों में साथ अपनों का नहीं छूटे कभी भी।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
– सुरेन्द्रपाल वैद्य

2 Likes · 1 Comment · 98 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

वो दिन आखिरी था
वो दिन आखिरी था
Sakhi
विदाई
विदाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
अज्ञानी की कलम
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
मैं ही तो हूँ
मैं ही तो हूँ
बाल कवित्री 'आँचल सेठी'
*मेले में ज्यों खो गया, ऐसी जग में भीड़( कुंडलिया )*
*मेले में ज्यों खो गया, ऐसी जग में भीड़( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
Natasha is my Name!
Natasha is my Name!
Natasha Stephen
हिंदी हमारी शान है
हिंदी हमारी शान है
punam lata
दिल
दिल
इंजी. संजय श्रीवास्तव
*महिलाओं के रूप*
*महिलाओं के रूप*
Dushyant Kumar
बदसलूकी
बदसलूकी
Minal Aggarwal
پھد ینگے
پھد ینگے
Dr fauzia Naseem shad
संगदिल
संगदिल
Aman Sinha
वो अपने घाव दिखा रहा है मुझे
वो अपने घाव दिखा रहा है मुझे
Manoj Mahato
माँ
माँ
Ayushi Verma
19)”माघी त्योहार”
19)”माघी त्योहार”
Sapna Arora
"आओ मिलकर दीप जलायें "
Chunnu Lal Gupta
भभक
भभक
Dr.Archannaa Mishraa
संत
संत
Rambali Mishra
टूटा दर्पण नित दिवस अब देखती हूँ मैं।
टूटा दर्पण नित दिवस अब देखती हूँ मैं।
लक्ष्मी सिंह
तेरे आँखो में माना ख्वाब है
तेरे आँखो में माना ख्वाब है
पूर्वार्थ
क्या यही हैं वो रिश्तें ?
क्या यही हैं वो रिश्तें ?
gurudeenverma198
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
Manisha Manjari
23/51.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/51.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"पहली बार"
Dr. Kishan tandon kranti
वो किताब अब भी जिन्दा है।
वो किताब अब भी जिन्दा है।
दुर्गा प्रसाद नाग
सत्य कड़वा नहीं होता अपितु
सत्य कड़वा नहीं होता अपितु
Gouri tiwari
मैं जब जब भी प्यार से,लेता उन्हें निहार
मैं जब जब भी प्यार से,लेता उन्हें निहार
RAMESH SHARMA
सृजन स्वयं हो
सृजन स्वयं हो
Sanjay ' शून्य'
लगाते भाल पर चंदन बताते गर्व से हिंदू,
लगाते भाल पर चंदन बताते गर्व से हिंदू,
Anamika Tiwari 'annpurna '
Loading...