कष्ट का कारण
कष्ट का कारण
1
तेरा है जिस डाल पर , हे खग अब अधिकार
उसपर से कितने उड़े , करके उसको प्यार
करके उसको प्यार , समझकर केवल अपना
वैसे चले विसार , भूलते हम ज्यों सपना
भ्रम में फँस कर आज , जिसे तू कहता मेरा
मात्र वही संदेह , कष्ट का कारण तेरा
2
जिसका करना काम है, औरों का अपमान
दुख ने उसके हृदय में ,बना लिया स्थान
बना लिया स्थान, न हटता कभी वहाँ से
अपना बिस्तर बाँध ,चला है प्यार जहाँ से
और कभी वह साथ ,नहीं तजता है उसका
औरों का सुख देख , हृदय जलता है जिसका
अवध किशोर ‘अवधू’
मोबाइल नंबर 9918854285
दिनांक 26-11-2024