कष्ट का कारण
कष्ट का कारण
तेरा है जिस डाल पर , हे खग अब अधिकार
उसपर से कितने उड़े , करके उसको प्यार
करके उसको प्यार , समझकर केवल अपना
वैसे चले विसार , भूलते हम ज्यों सपना
भ्रम में फँस कर आज , जिसे तू कहता मेरा
मात्र वही संदेह , कष्ट का कारण तेरा