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23 Jun 2022 · 1 min read

कशमकश

दिल में रहती है एक कशमकश सदा ,
कहां है हमारी सब्र ए इंतहा।
इतना की अश्क आंखों से लहू बनकर बहे,
या हम कयामत की देखे राह ।
आखिर क्यों है जमाने में ,
गम बेइंतहा ।

Language: Hindi
Tag: शेर
3 Likes · 2 Comments · 115 Views
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