कवि मित्रों को समर्पित (मुक्तक)
हृदय में जब कवि के कोई गहरी बात चुभती है,
शब्द विन्यास होकर फिर कविताएं उभरती है,
देता संदेश फिर गहरा वो अपनी शब्द रचना से,
बात इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम बन संवरती है ।।
कान्हा रसिया ✍
हृदय में जब कवि के कोई गहरी बात चुभती है,
शब्द विन्यास होकर फिर कविताएं उभरती है,
देता संदेश फिर गहरा वो अपनी शब्द रचना से,
बात इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम बन संवरती है ।।
कान्हा रसिया ✍