कवि की नज़र से – पानी
मुझसे कहता है, मेरा कोई रंग रूप नहीं है,
में औरों के रंग रूप निखार देता हूँ,
मुझे ईश्वर ने प्राण भले ना दिए हो,
में सृष्टि को जीवनदान देता हूँ।
मुझसे कहता है, मेरा कोई रंग रूप नहीं है,
में औरों के रंग रूप निखार देता हूँ,
मुझे ईश्वर ने प्राण भले ना दिए हो,
में सृष्टि को जीवनदान देता हूँ।