Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2020 · 1 min read

कवि ऐसे ही होते हैं

उड़ जाती है नींद आँख से दिन का चैन भी खोते हैं
समझ सके न जिनको दुनिया कवि ऐसे ही होते हैं

रूहों की बस्ती में जाकर उनकी गाथा गाते हैं
बागों में फूलों की खुशबू से जी भर बतियाते हैं
काँटों से भी नेह लगाकर घायल होते रहते हैं
भंवरे,तितली,जुगनू के भी कायल होते रहते हैं

हृदय धरातल पर भावों की फस्लें हरदम बोते हैं
समझ सके न जिनको दुनिया कवि ऐसे ही होते हैं

हर इक मन की बात हमेशा बिन बोले पढ़ जाते हैं
बेलगाम कल्पना के घोड़ों पर अक्सर चढ़ जाते हैं
कटु यथार्थ के रेशे बुन शब्दों का जाल बिछाते हैं
हो गरीब या क्रूर सियासत सबको राह दिखाते हैं

सबकी पीड़ा,ख़ुशी,उदासी,आँसू खुद ही ढोते हैं
समझ सके न जिनको दुनिया कवि ऐसे ही होते हैं

फँसकर रहते हैं अतीत के कुछ नाजुक से फंदों में
सारा जीवन बिता दिया दोहे, चौपाई,छंदों में
बंधन सारे तोड़ जगत को नीति नई दे जाते हैं
कलम पूजने वाले अक्सर रीति नई दे जाते हैं

मिलता है उतना ही उनको जितना भी वो खोते हैं
समझ सके न जिनको दुनिया कवि ऐसे ही होते हैं

सुर,लय,ताल सजाते रहते जीवन के वीरानों में
रह जाते हैं तनहा अक्सर अपनों में बेगानों में
न तो तन पर वस्त्र हैं सुन्दर,न पैरों में जूते हैं
ये शब्दों के रथ पर चढ़कर चाँद सितारे छूते हैं

भाव में डूबे तन्हाई में बेमतलब ही रोते हैं
समझ सके न जिनको दुनिया कवि ऐसे ही होते हैं

Language: Hindi
Tag: गीत
338 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
- खुद को करना बुलंद -
- खुद को करना बुलंद -
bharat gehlot
मसला ये नहीं कि लोग परवाह क्यों नहीं करते,
मसला ये नहीं कि लोग परवाह क्यों नहीं करते,
पूर्वार्थ
भोर पुरानी हो गई
भोर पुरानी हो गई
आर एस आघात
संस्कारी बच्चा-   Beby तुम बस एक साल रह लो कुॅवांरी,
संस्कारी बच्चा- Beby तुम बस एक साल रह लो कुॅवांरी,
Shubham Pandey (S P)
प्रीति की आभा
प्रीति की आभा
Rambali Mishra
घनघोर इस अंधेरे में, वो उजाला कितना सफल होगा,
घनघोर इस अंधेरे में, वो उजाला कितना सफल होगा,
Sonam Pundir
बचपन याद बहुत आता है
बचपन याद बहुत आता है
VINOD CHAUHAN
जहां सीमाएं नहीं मिलती
जहां सीमाएं नहीं मिलती
Sonam Puneet Dubey
25- 🌸-तलाश 🌸
25- 🌸-तलाश 🌸
Mahima shukla
ज्योतिर्मय
ज्योतिर्मय
Pratibha Pandey
I love u Mummy.
I love u Mummy.
Priya princess panwar
गुरू शिष्य का संबन्ध
गुरू शिष्य का संबन्ध
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ममता का सागर
ममता का सागर
भरत कुमार सोलंकी
"Multi Personality Disorder"
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
देखना मत राह मेरी
देखना मत राह मेरी
अमित कुमार
क्षणिका :
क्षणिका :
sushil sarna
"उम्र"
Dr. Kishan tandon kranti
// माँ की ममता //
// माँ की ममता //
Shivkumar barman
पितृ तर्पण
पितृ तर्पण
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लम्हा लम्हा कम हो रहा है
लम्हा लम्हा कम हो रहा है
Rekha khichi
दिल टूटेला छने छन कई बेर हो
दिल टूटेला छने छन कई बेर हो
आकाश महेशपुरी
#दीनदयाल_जयंती
#दीनदयाल_जयंती
*प्रणय*
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
आज का युग ऐसा है...
आज का युग ऐसा है...
Ajit Kumar "Karn"
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
Manju sagar
कविता
कविता
Nmita Sharma
फिर वसंत आया फिर वसंत आया
फिर वसंत आया फिर वसंत आया
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
तुम्हें पाने के बाद मुझे सिर्फ एक ही चीज से डर लगता है वो है
तुम्हें पाने के बाद मुझे सिर्फ एक ही चीज से डर लगता है वो है
Ranjeet kumar patre
त’आरूफ़ उसको
त’आरूफ़ उसको
Dr fauzia Naseem shad
Loading...