*कविवर श्री जितेंद्र कमल आनंद (कुंडलिया)*
कविवर श्री जितेंद्र कमल आनंद (कुंडलिया)
🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂
सिखलाते सबको सदा, भॉंति-भॉंति के छंद
स्वर अनुशासित काव्य के, पड़े न हर्गिज मंद
पड़े न हर्गिज मंद, छंदमय जीवन जीते
कविता में अध्यात्म, सुधा शाश्वत की पीते
कहते रवि कविराय, हृदय निश्छल मधु पाते
श्री जितेंद्र आनंद, साधुता शुभ सिखलाते
_______________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451