Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Aug 2024 · 1 min read

कविता

कविता (दुर्मिल सवैया)

कविता बनती जब भाव जगे मधु भाव बहे बन के कविता।
कविता अति मोहक मादक हो प्रिय नृत्य करे मन में शुचिता।
कविता बहती जिसके दिल में वह निर्मल स्वच्छ महान सदा।
सबके प्रति उत्तम भाव रखे अनुराग विराट हरे विपदा।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

यह दुर्मिल सवैया कविता की सुंदरता और महत्व को दर्शाता है। यह कहता है कि कविता तब बनती है जब भाव जगते हैं और मधुर भाव बहते हैं, जैसे कि बन की कविता।

कविता अति मोहक और मादक होती है, जो मन में शुचिता और पवित्रता को बढ़ाती है। यह कविता उस व्यक्ति के दिल में बहती है जो निर्मल, स्वच्छ और महान है।

कविता हमें उत्तम भाव रखने और अनुराग को बढ़ाने की प्रेरणा देती है, जिससे हम विपदाओं का सामना कर सकते हैं।

अब मैं इसे संस्कृत और अंग्रेजी में अनुवाद करूँगा:

संस्कृत में:
काव्यं भवति यदा भावः जागर्ति मधुरभावः प्रवाहति।
काव्यं मोहकं मादकं मनसि शुचितां प्रेरयति।

अंग्रेजी में:
Poetry is born when emotions awaken and sweet emotions flow.
Poetry is enchanting and intoxicating, inspiring purity in the mind.

अंतरराष्ट्रीय काव्य अनुवाद:

1 Like · 36 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

भाग्य
भाग्य
Rajesh Kumar Kaurav
Happy new year 2024
Happy new year 2024
Ranjeet kumar patre
जल प्रदूषण दुःख की है खबर
जल प्रदूषण दुःख की है खबर
Buddha Prakash
कलयुग के बाजार में
कलयुग के बाजार में
gurudeenverma198
परमारथ कर प्राणिया, दया धरम अर दान।
परमारथ कर प्राणिया, दया धरम अर दान।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मैं कविता लिखता हूँ तुम कविता बनाती हो
मैं कविता लिखता हूँ तुम कविता बनाती हो
Awadhesh Singh
तानाशाह का अंत
तानाशाह का अंत
Shekhar Chandra Mitra
मैं ज़िंदगी भर तलाशती रही,
मैं ज़िंदगी भर तलाशती रही,
लक्ष्मी सिंह
लोगो की नजर में हम पागल है
लोगो की नजर में हम पागल है
भरत कुमार सोलंकी
"ऐ जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
व्यथा
व्यथा
Dr.Archannaa Mishraa
सतर्क पाठ प्रेमचंद का
सतर्क पाठ प्रेमचंद का
Dr MusafiR BaithA
पग - पग पर बिखरा लावा है
पग - पग पर बिखरा लावा है
Priya Maithil
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
कवि रमेशराज
अच्छा होगा
अच्छा होगा
Madhuyanka Raj
Teri yaadon mein aksar khoya rahtaa hu
Teri yaadon mein aksar khoya rahtaa hu
Amit Yadav
वार्न पिरामिड
वार्न पिरामिड
Rambali Mishra
🙅लानत है🙅
🙅लानत है🙅
*प्रणय*
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
शेखर सिंह
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
खर्राटा
खर्राटा
Santosh kumar Miri
कमी
कमी
Otteri Selvakumar
सब बिक गए!
सब बिक गए!
Rahul Singh
इन आंखों में तुम्हारी तस्वीर इस क़दर कैद है,
इन आंखों में तुम्हारी तस्वीर इस क़दर कैद है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*चक्की चलती थी कभी, घर-घर में अविराम (कुंडलिया)*
*चक्की चलती थी कभी, घर-घर में अविराम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जिंदगी में पीछे देखोगे तो 'अनुभव' मिलेगा,
जिंदगी में पीछे देखोगे तो 'अनुभव' मिलेगा,
Shubham Pandey (S P)
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
मै नर्मदा हूं
मै नर्मदा हूं
Kumud Srivastava
ज्योतिर्मय
ज्योतिर्मय
Pratibha Pandey
Loading...