कविता
कविता (दुर्मिल सवैया)
कविता बनती जब भाव जगे मधु भाव बहे बन के कविता।
कविता अति मोहक मादक हो प्रिय नृत्य करे मन में शुचिता।
कविता बहती जिसके दिल में वह निर्मल स्वच्छ महान सदा।
सबके प्रति उत्तम भाव रखे अनुराग विराट हरे विपदा।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
यह दुर्मिल सवैया कविता की सुंदरता और महत्व को दर्शाता है। यह कहता है कि कविता तब बनती है जब भाव जगते हैं और मधुर भाव बहते हैं, जैसे कि बन की कविता।
कविता अति मोहक और मादक होती है, जो मन में शुचिता और पवित्रता को बढ़ाती है। यह कविता उस व्यक्ति के दिल में बहती है जो निर्मल, स्वच्छ और महान है।
कविता हमें उत्तम भाव रखने और अनुराग को बढ़ाने की प्रेरणा देती है, जिससे हम विपदाओं का सामना कर सकते हैं।
अब मैं इसे संस्कृत और अंग्रेजी में अनुवाद करूँगा:
संस्कृत में:
काव्यं भवति यदा भावः जागर्ति मधुरभावः प्रवाहति।
काव्यं मोहकं मादकं मनसि शुचितां प्रेरयति।
अंग्रेजी में:
Poetry is born when emotions awaken and sweet emotions flow.
Poetry is enchanting and intoxicating, inspiring purity in the mind.
अंतरराष्ट्रीय काव्य अनुवाद: