कविता
कविता
कविता निकली पहन कर, नव रस के परिधान ।
शब्द – शब्द हर प्रश्न का, लेकर चली निदान ।।
लेकर चली निदान , समय कब इसका रीता ।
जीती सारे काल , अमर अविनाशी कविता ।।
सुशील सरना / 21-3-24
कविता
कविता निकली पहन कर, नव रस के परिधान ।
शब्द – शब्द हर प्रश्न का, लेकर चली निदान ।।
लेकर चली निदान , समय कब इसका रीता ।
जीती सारे काल , अमर अविनाशी कविता ।।
सुशील सरना / 21-3-24