कविता
सागर की लहरो को काट के भारत की जय लिख देना।
जब तक मैं सीमा पर बैठा,
बंधु हो निर्भय लिख देना।
तीन रंग के सपने देखूं,
नभ पर आच्छादित होते।
कफन में मेरे नहीं फातिहा,
जन गण मन लय लिख देना।
जब तक प्राण हृदय मेंस्थित,
रक्त बूंद एक भी तन में।
विजय का जज्बा हृदय में मेरे
शत्रु हार तय लिख देना।
मात पिता भाई भगिनी,
हर रिश्ते को वार दिया।
देशकी सेवा सबसे ऊपर,
और अश्म है हृदय लिख देना।।
नमिता शर्मा