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23 Jun 2021 · 1 min read

कविता

शब्दों में भरे जो भाव वह कविता कहाती है
हृदय को दे हिलोरें जो वह कविता कहाती है
किसी के प्रेम में आकर नयन में अश्रु जो ला दे
गला अवरुद्ध जो कर दे वह कविता कहाती है

करें जो इष्ट के सम्मुख वो आरती भी तो है कविता
देते राष्ट्र को सम्मान जन गण मन वो है कविता
तुलसी ने रची जो थी महागाथा वो रामायण
घर घर में जो रक्खी पूजाघर में वो भी है कविता

Language: Hindi
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