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26 Nov 2019 · 1 min read

कविता

देखकर किसी की शख्सियत को सर झुका देना
यूं तो आदत नहीं है हमारी
देख कर मुस्कुरा देना भी आदत नहीं है हमारी
सामने वाले को खुश करने को मुस्कुरा देता हूं
और अपमान ना हो मेरी संस्कृति का
इसलिए सर को भी झुका देता हूं

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 2 Comments · 428 Views
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