कविता-हमने देखा है
कविता :-हमने देखा :-
बाढ़ देखी, भूकंप देखा
और देखा तूफान।
नोटबंदी,कोरोना देखा
और देखा लाकडाउन।।
2000का नोट भी देखा,
मुफ्त खोर दिल्ली में देखा।
और देखा पाकिस्तान।
मणिपुर की बर्बता देखी,
इंसानों की कायरता देखी।
और देखा चंद्रयान।।
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– राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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