कविता से न पेट भरे है
सरसी छन्द
कविता से ना पेट भरे है, नही मिले आराम।
जीवन सही बिताना है तो, कर लेना कुछ काम।
काम छोड़कर नही घूमना, व्यर्थ कभी भी मित्र।
नही कभी आवारा टहलो, मत देखो चलचित्र।
जीवन का अनमोल समय में, पल -पल होता खास।
करो परिश्रम कठिन हमेशा, रचो नया इतिहास।
अभी नही मशहूर हूँ इतना, रोज मिले प्रोग्राम।
भाई सहोदर की बातों से, कभी न होना क्षुब्ध।
रिश्ता सदा बनाये रखना, मत करना अवरुध्द।
मृदु वाणी मुख से नित बोलो, मत करना अभिमान।
शुभ कर्मों से ही बनता है, मानव जगत महान।
समय मिले पर ही लिखना कुछ, कविता आप तमाम।