कविता पर कुछ मुक्तक
कवि की शान है कविता,
कवि की जान है कविता।
सुख दुःख के साथ है ये,
कवि का मान हैं कविता।।
कवि की अभिलाषा है कविता,
कवि की जिज्ञासा है कविता।
उसके सांसों में रहती है सैदेव,
कवि की एक आशा है कविता।।
सुख दुःख का संयोग है कविता,
विरह वेदना का योग है कविता।
हर भाव को लेकर चलती हैं ये,
मिलन वियोग का भोग है कविता।।
रस अलंकारों की माला है कविता,
छंद व दोहो की बाला है कविता।
होता है सभी का समावेश इसमें,
इनके बैगैर अधूरी है कोई कविता।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम