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5 Feb 2023 · 2 min read

कविताएं

ख्वाबों ख्यालों में रात गुजर गई ।
मुश्किल सवालों में रात गुजर गई ।।

उन्नींदे सपनों अधूरी चाहतों और ।
मोह के जालों में रात गुजर गई ।।

न मरहम हुआ न दवा कोई ।
रिसते हुए छालों में रात गुजर गई।।

तमाम उम्र खुशियों के भरम में।
आंसुओं के प्यालों में रात गुजर गई।।

कैसी बज़्म थी कि सहर तक उठ न पाए ।
दुश्मन की चालों में रात गुजर गई ।।

नज़्मों ग़ज़लें मुहब्बत के नाम की ।
ढूंढते हुए रिसालों में रात गुजर गई ।।

कभी पाक मोहब्बत को यारा बदनाम न कर ।।
दो रूह न मिल पाएं ऐसा कोई काम न कर ।।

कभी गैर नहीं होते अपनों के जैसे सुन ।
गैरों की महफिल में कभी जाकर जाम न भर ।।

जो चलते रहते हैं वही मंजिल पाते हैं ।
कभी बैठ के रस्ते में यारा यूं शाम न कर ।।

यह प्यार मोहब्बत तो सब रूह के सौदे हैं ।
इन रूह के सौदों का यारा तू दाम न कर ।।

जो छोड़ दें रस्ते में वो अपने नहीं होते।
उस बिछड़न के गम में खुद को नाकाम न कर ।।

कभी गर याद आऊं तो , ख्वाबों में बुला लेना ।
जो गालों पे लुढ़क आऊं, दुपट्टे से छुपा लेना ।।

चाहत की महक से जब तुम्हारी बज़्म महके तो ।
जो गहरी रात उतर आए तो शमां को बुझा देना ।।

कभी आए कोई तूफां अगर राहे मोहब्बत में ।
कसम तुमको मोहब्बत की अना मेरी बचा लेना।।

तन्हाईयां अगर डसने लगें तो हार मत जाना ।
मेरे तुम नाम से यारा फिर महफिल सजा लेना ।।

खिजां के मौसमों को देखकर यूं उदास न होना ।
बहारें आएंगी चाहत यह पलकों पर सजा लेना ।।

करना न कभी रुखसत मुझे तुम भीगी पलकों से ‌।
दिखे हंसता हुआ चेहरा ऐसी तुम विदा देना ।।….

Language: Hindi
203 Views

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