Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Feb 2020 · 1 min read

कल जाने कौन कहाँ चला जाएगा

आओ मिलकर बनाए, आज का दिन खास ।
मुस्कुराकर जी लेंगे, कुछ पल तुम्हारे पास ।।

दिन बहुत हुए देखे बिन, तरस गए नैन ।
अकेले में मन परेशान, पाता नही चैन ।।

कभी न कम होंगे, यह काम के झमेले ।
आओ मनाए हम, मिलकर खुशी के मेले ।।

यह जीवन फूल, जाने कब मुरझा जाए ।
आओ प्रेम गीत, मिलकर हम तुम गाए ।।

पल पल बीत रही, उम्र की यह घड़ी ।
दुःखो की लगती, यहाँ बारिश सी झड़ी ।।

जो दबे है सपने, मन के गहरे भावों में ।
मंजिल दिखती नहीं, बैठे कितनी नावों में ।।

कुछ पल साथ चले, पथ कट जाएगा ।
कल जाने कौन कहाँ, फिर चला जाएगा ।।
—जेपीएल

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 518 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
*भरोसा हो तो*
*भरोसा हो तो*
नेताम आर सी
हमारी शाम में ज़िक्र ए बहार था ही नहीं
हमारी शाम में ज़िक्र ए बहार था ही नहीं
Kaushal Kishor Bhatt
I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li
I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li
Manisha Manjari
पहचान
पहचान
Shashi Mahajan
जीवन की परिभाषा क्या ?
जीवन की परिभाषा क्या ?
Dr fauzia Naseem shad
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
माँ की चाह
माँ की चाह
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
Phool gufran
इतना बेबस हो गया हूं मैं ......
इतना बेबस हो गया हूं मैं ......
Keshav kishor Kumar
*प्यार का रिश्ता*
*प्यार का रिश्ता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
क्या कहूँ
क्या कहूँ
Ajay Mishra
*राम-राम कहकर ही पूछा, सदा परस्पर हाल (मुक्तक)*
*राम-राम कहकर ही पूछा, सदा परस्पर हाल (मुक्तक)*
Ravi Prakash
प्रेम
प्रेम
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
पुलवामा अटैक
पुलवामा अटैक
लक्ष्मी सिंह
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
हौसलों की उड़ान जो भरते हैं,
हौसलों की उड़ान जो भरते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
चोट दिल  पर ही खाई है
चोट दिल पर ही खाई है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
संतुष्टि
संतुष्टि
Dr. Rajeev Jain
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
gurudeenverma198
अल्फाजों मे रूह मेरी,
अल्फाजों मे रूह मेरी,
हिमांशु Kulshrestha
2833. *पूर्णिका*
2833. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
अंसार एटवी
रोशनी से तेरी वहां चांद  रूठा बैठा है
रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है
Virendra kumar
प्रवाह
प्रवाह
Lovi Mishra
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
Shweta Soni
लोकोक्तियां (Proverbs)
लोकोक्तियां (Proverbs)
Indu Singh
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
surenderpal vaidya
खामोशी
खामोशी
पूर्वार्थ
Loading...